विष्णु प्रभाकर जी की जीवनी / Biography Of Vishnu Prabhakar


विष्णु प्रभाकर जी की जीवनी / Biography Of Vishnu Prabhakar

विष्णु प्रभाकर जी की जीवनी / Biography Of Vishnu Prabhakar
विष्णु प्रभाकर जी की जीवनी / Biography Of Vishnu Prabhakar
जीवन परिचय -

विष्णु प्रभाकर का जन्म 21 जून, 1912 ई0 को मुज़फ्फ्हर नगर (उ0प्र0 ) के मीरापुर कस्बे में हुआ था। उनकी प्रारंभिक सिक्षा गाँव की पाठशाला में हुई। कुछ पारिवारिक कारणों से उनको शिक्षा के लिए हिसार (हरियाणा) जाना पड़ा। वहीँ पर एक हाईस्कूल में उन्होंने शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से बी0 ए0 तथा हिन्दी प्रभाकर परीक्षा उत्तीर्ण की। उनके जीवन पर आर्य समाज तथा महात्मा गाँधी के जीवन-दर्शन का गहरा प्रभाव रहा है।

शिक्षा समाप्त करने के पश्चात वे हिसार में ही सरकारी सेवा में आ गए। सरकारी नौकरी के समय भी वे साहित्य के अध्यन एवं लेखन में संग्लन रहे। सन 1931 ई0 में उनकी पहली कहानी प्रकाशित हुई। सन 1933 ई0 में वे हिसार नगर की सवकियाँ नाटक कम्पनियों में आये और उनमे से एक कंपनी में अभिनेता से लेकर मंत्री तक का कार्य किया।

सन 1938 ई0 में ‘’हंश’’ का एकांकी वीसेसक प्रकाशित हुआ। उसें पढ़ने के उपरांत और कुछ मित्रो की प्रेरणा से उन्होंने सन 1938 ई0 में प्रथम एकांकी लिखा जिसका शीर्षक था – ‘’हत्या के बाद‘’ वे आकाशवाणी दिल्ली के ड्रामा प्रोड्यूसर था बाल भारती के सम्पादक भी रह चुके है।

एकांकी – संग्रह – 

प्रभाकर जी के निम्नलिखित प्रमुख एकांकी – संग्रह प्रकाशित हुए है प्रभाकर जी के निम्नलिखित प्रमुख एकांकी-संग्रह प्रकाशित हुए हैं। --
‘डाँक्टर’, ‘प्रकाश और परछाइयां’, ‘बाहर एकांकी’, ‘अशोक’, ‘इन्सान’, ‘अन्य एकांकी’, ‘दश बजे रात’, ‘ये रेखाएं’, ‘ये दायरें’, ‘ऊंचा पर्वत गहरा सागर’, ‘मेरे श्रेस्ठ रंग एकांकी’, ‘तीसरा एकांकी’, ‘नए एकांकी’, ‘डरे हुए’ आदि।

साहित्यिक अवदान -

विष्णु प्रभाकर जी की रचनओं में प्रारंभ से ही स्वदेश-प्रेम, रष्ट्रीय चेतना और समाज-सुधार का स्वर प्रमुख रहा है। इसके कारण उन्हें ब्रिटिश का सरकार का कोपभाजन भी बनना पड़ा था। अतः उन्होंने सरकारी नौकरी से त्याग-पत्र दे दिया और स्वतंत्र लेखन को अपनी जीविका का साधन बना लिया।

विष्णु प्रभाकर  जी ने एकांकी और रेडियो रूपक के अतिरिक्त कहानी ’उपन्यास‘ रिपोर्ताज आदि विद्याओं में भी पर्याप्त मात्रा में लिखा जाता है। प्रसिद्ध बंगला उपन्यासकार शरदचन्द्र के जीवन पर आधारित ‘’आवारा मसीहा‘’ ने उन्हें सफल जीवनीकार के रूप में सफल किया।

रंग एवं शिल्प की दृष्टि से विष्णु प्रभाकर जी के अधिकांश एकांकी रेडियो रूपक है।  प्रेम चन्द्र की कहानियों की भांतिविष्णु जी के एकांकी भी प्रभाव पूर्ण तथा जीवन के प्रति आस्था से भरपूर है। कथानक गतिशील है, एकरूप है, सपाट है, तथा घटनापरक है। संवाद योजना संतुलित है। उनमे न अविभावुकता है तथा न अतिबौद्धिकता की कटु नीरसता ।....

विष्णु प्रभाकर जी की जीवनी / Biography Of Vishnu Prabhakar विष्णु प्रभाकर जी की जीवनी / Biography Of Vishnu Prabhakar Reviewed by Ramesh 'Manjhi' on 1:32 am Rating: 5

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