भगवान गौतम बुद्ध (Bhagwan Gautam Buddha) के उपदेश पर आधारित कहानी


भगवान गौतम बुद्ध (Bhagwan Gautam Buddha) के उपदेश पर आधारित कहानी 

प्रिय साथियों आज हम अपनी इस पोस्ट में भगवान गौतम बुद्ध (Bhagwan Gautam Buddha) द्वारा उपदेशित एक कहानी के बारे में पढेंगे। जिसको पढकर हमारे जीवन में कुछ न कुछ जरुर बदलाव आयेगे।

भगवान गौतम बुद्ध (Bhagwan Gautam Buddha) के उपदेश पर आधारित कहानी
Bhagwan Gautam Buddha के उपदेश पर आधारित कहानी

बात उस समय की है जब भगवान गौतम बुद्ध (Bhagwan Gautam Buddha) समाज सुधार करने के लिए जगह जगह अपने शिविर लगाकर लोंगो को धर्म उपदेश दे रहे थे। गाँव के पीड़ित निवासी अपनी समस्याएं भगवान गौतम बुद्ध के पास लेकर जाते और समाधान प्राप्त कर नई उमंग और नई उर्जा के साथ प्रशन्न होकर अपने घर को वापस आते।

गाँव के उसी रास्ते पर (जहाँ से लोग शिविर के लिए आते जाते थे) एक गरीब व्यक्ति का घर था। वह गरीब रोज लोंगो को शिविर की ओर आते जाते देखता और सोचता की ये लोग निराश और उदास हो कर शिविर में जाते हैं और जब वापस आते हैं तो इनके चेहरे खिले होते है। इनमें एक नई उर्जा दिखाई पड़ती है। वह यही एक बात को रोज सोचता और समझ नहीं पा रहा था।

यह भी पढ़ें ........बुलंद हौंसले और दीवानगी से रचा इतिहास – दशरथ मांझी (Dashrath Manjhi)

एक दिन उसने शिविर से वापस आते हुए एक व्यक्ति को रोक लिया। उससे बात चीत कर यह जानने का प्रयास किया की भगवान गौतम बुद्ध (Bhagwan Gautam Buddha) पल भर में ही लोंगों की समस्याओं का समाधान कैसे कर देते हैं। उस राहगीर ने गरीब व्यक्ति को एक बार शिविर में जाने की सलाह दी। गरीब व्यक्ति अगले दिन शिविर में जा पहुंचा। उसने देखा की भगवान गौतम बुद्ध (Bhagwan Gautam Buddha) के पास एक एक करके लोग जा रहे हैं और अपनी समस्याओं का निदान पा कर मुस्कराते हुए वापस आ रहें है। उसकी भी बारी आई और वह भी भगवान गौतम बुद्ध के पास गया।

उसने भगवान गौतम बुद्ध (Bhagwan Gautam Buddha) को प्रणाम किया और हाथ जोड़कर बोला भगवन में गरीब क्यों हूँ। बुद्ध मुस्कराते हुए बोले की तुमने कभी किसी को कुछ दिया ही नहीं यही तुम्हारे गरीबी का कारण है। वह गरीब भगवान बुद्ध का उत्तर सुनकर अवाक् रह गया और आश्चर्य से भगवान बुद्ध का चेहरा ताकने लगा। फिर वह कुछ सोचते हुए बोला भगवन मेरे पास देने के लिए कुछ है ही नहीं। में इतना गरीब हूँ की बड़ी मुस्किल से अपना गुजारा कर पता हूँ।

भगवान गौतम बुद्ध (Bhagwan Gautam Buddha) शांत मुद्रा में बोल्रे तुम्हारे पास दो हाथ, एक मुंह और एक चेहरा है। तुम किसी की मदद कर सकते हो। किसी की प्रसंसा करके उसका मनोबल बढ़ा सकते हो, किसी उदास चेहरे को एक मुस्कान दे सकते हो। दुनिया में जिसके पास ये तीनो चीजे हैं वह कभी गरीब हो ही नहीं सकता। गरीबी व्यक्ति के मन का एक भ्रम होता है इसलिए इस भ्रम को निकल दो।

जो कुछ भी है तुम्हारे पास लोंगो को देते जाओ, बताते जाओ, सिखाते जाओ। तुम्हारा जीवन अपने आप खुशहाली की तरफ बढ़ने लगेगा। भगवान गौतम बुद्ध की यह बातें सुनकर उस गरीब व्यक्ति का चेहरा दमक उठ। उसे अपने जीवन को जीने की एक नई शैली मिल गई। उसे अपनी समस्या का हल मिल गया था।

प्रिय मित्रों हमारे द्वारा लिखे इस लेख में यदि कुछ त्रुटि दिखाई दी हो, या इस लेख से सम्बन्धित कोई जानकारी आपके पास हो तो, हमें अपने कमेन्ट के मध्यम से अवगत कराएँ या फिर हमें ईमेल करें इस लेख को हम अपडेट करते रहेंगे ।

भगवान गौतम बुद्ध (Bhagwan Gautam Buddha) के उपदेश पर आधारित कहानी भगवान गौतम बुद्ध (Bhagwan Gautam Buddha) के उपदेश पर आधारित कहानी Reviewed by Ramesh 'Manjhi' on 5:19 pm Rating: 5

कोई टिप्पणी नहीं:

कृपया कमेंट बॉक्स में कोई भी स्पैम लिंक न डालें।

Blogger द्वारा संचालित.