घमंडी मेढ़क, एक प्रेरणादायक कहानी | Ghamandi Mendhak a motivational story

घमंडी मेढ़क, एक प्रेरणादायक कहानी | Ghamandi Mendhak a motivational story

जंगल में एक बहुत बड़ा और खूबसूरत तालाब था। इस तालाब का पानी कभीं नहीं सूखता था। सभी जंगल के प्राणी इस तालब में अपनी प्यास बुझाते थे। तालाब के एक किनारे की तरफ बड़ा सा मिटटी का टीला था। जहाँ पर कुछ मेढको का झुण्ड रहता था। मिटटी के टीले की वजह से कोई भी जीव जन्तु उधर से पानी पीने नहीं आता था।
घमंडी मेढ़क, एक प्रेरणादायक कहानी | Ghamandi Mendhak a motivational story
घमंडी मेढ़क, एक प्रेरणादायक कहानी | Ghamandi Mendhak a motivational story

मेढको का झुण्ड बिना किसी दखल के बड़े आराम से तालाब के एक किनारे पर रहते थे। उनके झुण्ड में एक थोड़ा सा बड़ा और घमंडी मेढक रहता था। वह अपने झुण्ड के छोटे मेढको को बेवजह परेशान करता रहता था। सभी छोटे मेढक उसके इस रवैये से परेशान थे। उन्हें किसी भी कार्य में उसके साथ हाँ में हाँ मिलाना ही पड़ता था।

एक दिन की बात है कहीं से एक जंगली भैंस उनके झुंड के पास से दौड़ती हुई तालाब में उतरी। भैंस के इस तरह उतरने से वहां उपस्थित एक मेढक घायल हो गया। उस समय बड़ा मेढक वहां नहीं था, वह तालाब में किसी दुसरे किनारे पर गया हुआ था। जब बड़ा मेढ़क वापस आया तो उसने अपने झुण्ड में अफरा तफरी का माहौल देखा। उसकी नजर घायल छोटे मेढक पर पड़ी। वह फ़ौरन उसके पास गया और डाँटते हुए बोला, "ऐसा कौन है जो तुम्हे घायल कर दिया। मैं उसको जिन्दा नहीं छोडूगा, मुझसे बड़ा और शक्तिशाली इस दुनिया में कोई नही है।"

“ एक बहुत बड़ा जीव था इतना बड़ा जीव मैंने अपने जीवन में पहली बार देखा है। भाई,” छोटा मेढ़क डरते हुए बोला।

“बड़ा था, कितना बड़ा था क्या मुझसे भी बड़ा था,” बड़ा मेढक गुस्से से बोला ।

छोटा मेढक, " हाँ भाई आपसे भी बड़ा था।"

“कितना बड़ा, इतना बड़ा था,” बड़े मेढक ने पेट को फुलाकर कहा ।

छोटे ने जबाब दिया ," नहीं भाई और बड़ा था।”

“देख छोटे मजाक मत कर इतना बड़ा था क्या” बड़े मेढक ने पेट को और बड़ा फूलते हुए कहा।

छोटा बोला, “क्या बताऊँ भाई और बड़ा था।”

घमण्डी मेढक को गुस्सा आ गया उसने अपने पेट को बहुत जोर से फुलाया और पूंछने ही वाला था। की क्या वह इतना बड़ा था तब तक उसका पेट फटाककी आवाज के साथ फट चूका था, और उसका सारा घमंड बाहर आ चूका था।

वह बड़ा मेढक अपने घमण्ड के कारण मर गया।

कहानी से सीख


मित्रों हमें किसी बात को लेकर हठ या घमण्ड नहीं करना चाहिए। क्योंकि अधिक घमंड के कारण घमंडी व्यक्ति सोचने और समझने की छमता खो देता है। और उसका हाल भी कुछ ऐसा हो होता है जैसा की उस घमंडी मेढक का हुआ।

प्रिय मित्रों हमारे द्वारा लिखे इस लेख में यदि कुछ त्रुटि दिखाई दी हो। या इस लेख से सम्बन्धित कोई जानकारी आपके पास हो, एवं  कहानी पसंद आयी हो। तो अपने  कमेन्ट के माध्यम हमें जरुर बताएं। आपका कमेन्ट ही हमें आगे लिखने के लिए प्रेरित करता है।


इन सभी प्रेरणादायक लेखों को भी जरुर पढ़े........





 

घमंडी मेढ़क, एक प्रेरणादायक कहानी | Ghamandi Mendhak a motivational story घमंडी मेढ़क, एक प्रेरणादायक कहानी | Ghamandi Mendhak a motivational story Reviewed by Ramesh 'Manjhi' on 12:20 am Rating: 5

कोई टिप्पणी नहीं:

कृपया कमेंट बॉक्स में कोई भी स्पैम लिंक न डालें।

Blogger द्वारा संचालित.