उपेन्द्र नाथ अश्क जी का जीवन-परिचय / Biography of Upendranath Ashk inhindi

उपेन्द्र नाथ अश्क जी का जीवन-परिचय / Biography of Upendranath Ashk inhindi

जीवन परिचय-

प्रसिद्ध नाटककार एवं एकांकीकार उपेन्द्र नाथ ‘अश्क’ (Upendranath 'Ashk') का जन्म 14 दिसम्बर’ 1910 ई0 को जालन्धर (पंजाब) में एक मध्यवर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था। डी0 ए0 वी0 कालेज जालन्धर से वी0 ए0 करने के बाद अद्ध्यापन और फिर लाहर में पत्रकारिका किया। 1936 ई0 तक ‘प्रीत लड़ी’ के उर्दू, हिन्दी संस्करणों का संपादन किया।

उपेन्द्र नाथ अश्क जी का जीवन-परिचय / Biography of Upendranath Ashk inhindi
उपेन्द्र नाथ अश्क जी का जीवन-परिचय / Biography of Upendranath Ashk inhindi

1941­­­­­­­­­­­­2-44 ई0 तक आंल इंडिया रेडियो दिल्ली में नाटककार और हिन्दी सलाहकार के रूप में रहे। 1944 ई0 में ‘देनिक समाचार' के हिन्दी संस्करण का संपादन किया। 1944-46 ई0 तक ‘फिल्मिस्तान’ (मुंबई ) में पटकथा और गीत लिखने के साथ-साथ अभिनय किया। 1947 ई0 में यच्छमा रोग से ग्रस्त होकर पंचगनी सेनेटोरियम में रहे। 1948 में रोग मुक्त होकर इलाहबाद (उ0प्र0 ) में स्थाई निवास बनाया और पूर्ण रूप से लेखन-कार्य में जुट गए।

1951 ई0 में प्रगतिशील लेखक संघ के स्वागताध्यक्ष हुए। 1965 ई0 में केन्द्रीय  संगीत नाटक अकादमी द्वारा सम्मानित किये गए। 1972 ई0 में ‘सोवियत लैण्ड नेहरू पुरस्कार’ आपको प्राप्त हुआ। 1974 ई0 में उ0प्र0 हिन्दी साहित्य सम्मलेन द्वारा ‘साहित्य वारिधि’ की उपाधि दी गयी। 1980 ई0 में आकाशवाणी तथा दूरदर्शन के मानद प्रोड्यूसर हुए। 1956-83 ई0 के बीच रूष, इंग्लैण्ड, जर्मनी, हान्लैंड, मारीसस और पाकिस्तान की यात्रायें की। 19 जनवरी 1996 ई0 को ’अश्क’ जी स्वर्गवासी हो गए।

रचनाएँ -


'अश्क’ जी की लेखन–सक्ति प्रौढ़ और भाव – जगत व्यापक हैं। इन्होने उपन्याश, कहानी, नाटक, एकांकी, कविता, निबन्ध, संस्मरण आदि सभी क्षेत्रों में बिपुल साहित्य का निर्माण किया हैं किंतु इनकी उपलब्धि नाटक, एकांकी, उपन्यास और कहानी के क्षेत्र में विशेष महत्वपूर्ण है। नाटक के प्रति ’अश्क’ जी की रूचि बचपन से ही थी।

‘अश्क’ जी के लगभग 11 नाटक और 40 एकांकी प्रकाशित हो चुके हैं। इनके नाटको में ‘बड़े खिलाडी’, ‘अंजो दीदी’, ‘अलग –अलग रास्ते’, ‘जय- पराजय’, ‘आदि मार्ग’, पैतरे’, ‘छठा बेटा’, ‘स्वर्ग की झलक’, ‘भंवर’, ‘अंधी गली’, ‘मेरा नाम बिएट्रिस आदि है।

’अश्क’ जी की प्रमुख एकांकियो में ‘पर्दा उठाओ’, ‘पर्दा गिराओ’, ‘चरवाहे’, ‘तौलिया,’चिलमन’, ‘कईसा साब’, कईशी आया’, ‘मैमूना’, ‘मस्केबाजी का स्वर्ग’, ‘कस्बे का क्रिकेट क्लब उद्घाटन’, ‘सूखी डाली’, ‘चुम्बक’, ‘अधिकार का रक्षक’, ‘तूफ़ान से पहले’, ‘लक्ष्मी का स्वागत’, ‘किसकी बात’, ‘पापी’, ‘दो कैप्टन’, ‘गुंजलक’, ‘नानक इस संसार में’ ...........’ आदि हैं।

साहित्यिक अवदान -

‘अश्क’ (Upendranath 'Ashk') जी ने मध्यवर्गीय जीवन का चित्रण बड़ी सूक्ष्मता से किया है। सामाजिक और व्यक्तिगत दुर्बलताओ पर प्रहार करनेवाले व्यंग्य और प्रहसन एकांकी भी लिखे हैं। इनमे चरित्र-चित्रण की मनोवैज्ञानिक गहराई रहती है। रंगमंच की दृष्टी से अश्क जी के एकांकी बहुत सफल हैं। वे प्राय; जीवन की अति साधारण और परिचित समस्याओं-घटनाओं पर निर्मित होते है। और बिना कल्पना का सहारा लिए ही मैन में उतर जाते है। इनके संबाद आडम्बर विहीन  चुस्त और सहज होते है। उनमे बोलचाल की सहजता,परवाह और पात्र की     अनुकूलता रहती है ।

हिन्दी भाषा के सम्बन्ध में अश्क जी ने कहा था की “मैं 1926 से 1946  ई0 तक लगभग 20 वर्ष उर्दू में लिखता रहा हूँ। जब 1933-34 में मैंने उर्दू के साथ – साथ हिन्दी में लिखना शुरु किया तो मुझे भाषा का कोई ज्ञान नहीं था। 1947 ई0 तक तो मैं अपनी रचनओं के पहले उर्दू ही में तैयार करता रहा – विशेषकर कहानियों और एकांकियों में ।”

प्रिय मित्रों हमारे द्वारा लिखे इस लेख में यदि कुछ त्रुटि दिखाई दी हो,या लेख पसंद आया हो। तो अपने कमेन्ट के माध्यम हमें जरुर बताएं। आपका कमेन्ट ही हमें आगे लिखने के लिए प्रेरित करता है।

इस लेख को भी पढ़ें .........

उपेन्द्र नाथ अश्क जी का जीवन-परिचय / Biography of Upendranath Ashk inhindi उपेन्द्र नाथ अश्क जी का जीवन-परिचय / Biography of Upendranath Ashk inhindi Reviewed by Ramesh 'Manjhi' on 5:42 pm Rating: 5

कोई टिप्पणी नहीं:

कृपया कमेंट बॉक्स में कोई भी स्पैम लिंक न डालें।

Blogger द्वारा संचालित.